हाल ही में, सोशल मीडिया पर कई वायरल पोस्ट और वीडियो जारी किए गए हैं जो खूब वायरल भी हुए हैं, इनमें दावा किया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में हेरफेर किया जा रहा है। हालांकि, जैसे ही इन वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू किया, भारतीय चुनाव आयोग और अधिकारी तमाम तथ्यों और सबूतों के साथ सामने आए हैं, और इस तरह के वीडियो या कथन या पोस्ट की सामग्री का खंडन किया हैं।
हम यहां सोशल मीडिया पर ईवीएम के बारे में संभावित भ्रामक दावे और उन पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पाठकों तक पहुंचा रहे हैं।
चंदौली, उत्तर प्रदेश
उत्तर पद्रेश के चंदौली से एक वीडियो सामने आया जिसमें यह दिखाने की कोशिश की गई कि किस तरह से चुनाव के एक दिन बाद ईवीएम को तय स्टोर रूम में रखने के लिए लाया गया।
Without any comment, an EVM video from Chandauli, UP.
pic.twitter.com/Gmwj638mdo— Ravi Nair (@t_d_h_nair) May 20, 2019
दरअसल एक दिन बाद लाए गए ईवीएम वे थीं जिनका उपयोग चुनाव के लिए नहीं किया गया। इन्हें हम रिजर्व ईवीएम कह सकते हैं। चुनाव आयोग इसलिए अतिरिक्त ईवीएम को चुनाव बूथ पर भेजता है ताकि खराब होने वाली मशीनों को तत्काल दूसरी मशीनों से बदला जा सके। एक दिन बाद वे ही रिजर्व ईवीएम वापस लाई गई, ना कि वो ईवीएम जिन्हें चुनाव में प्रयोग किया गया था ।
नीचे दी गई पत्रावली, जिसके जरिए सभी उम्मीदवारों को यह सूचित किया गया है कि रिजर्व ईवीएम कहां रखी जाएंगी, से स्पष्ट है कि चुनाव ड्यूटी में लगे जिले के सभी प्रमुख अधिकारियों ने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का विधिवत पालन किया।
चंदौली लोकसभा के रिटर्निंग ऑफिसर के इस बयान से स्पष्ट होता है कि चुनावों में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपैट को उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया था। उसके बाद इनकी रखवाली की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंप दी गई थी। इन रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट के ले जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता वहां पहुंच गए। परन्तु जैसे ही उन्हें सच से अवगत कराया गया, उन्होंने अपना संतोष प्रकट किया।
चंदौली के रिटर्निंग ऑफिसर का बयान
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष द्वारा लिखित में दिया गया संतुष्टि पत्र
गाजीपुर, उत्तरप्रदेश
गाजीपुर से महागठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी को तेजी से फैल रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है, जो यह दावा कर रहे हैं कि ईवीएम बदली जा रही है।
Alleging EVM fraud allegedly at the behest of the ruling party, Mahagathbandhan candidate Afzal Ansari confronts local cops in Ghazipur. pic.twitter.com/H7lgDbFvbi
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) May 20, 2019
गाजीपुर के रिटर्निंग ऑफिसर ने पूरे तथ्य के साथ अफजाल अंसारी के दावे का जवाब दिया है। इस वीडियो में उनका यह बयान है।
Statement issued by RO Ghazipur, Uttar Pradesh@PIB_India @DDNewsLive @ceoup @airnewsalerts @ECISVEEP pic.twitter.com/vQI5jRsY7C
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) May 21, 2019
इस स्पष्टीकरण से साफ है कि अफजल अंसारी चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के विपरीत वोट के लिए इस्तेमाल ईवीएम को देखने के लिए कई एजेंट चाहते थे। अधिकारियों ने स्ट्रांग रूम के पास भीड़भाड़ की आशंका को देखते हुए इससे इनकार कर दिया था। हालांकि, बाद में अफजल अंसारी ने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों पर सहमति व्यक्त की और अपने विरोध को खत्म कर दिया।
झाँसी, उत्तर प्रदेश
झाँसी में एक और वीडियो सामने आया जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि बिना उम्मीदवारों की जानकारी के रिजर्व ईवीएम इधर से उधर की जा रही हैं।
यहाँ झाँसी के रिटर्निंग ऑफिसर का बयान है जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि चुनाव में इस्तेमाल की गई सभी ईवीएम को मतदान दलों के वापस आने के बाद पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम में रखा गया था। इसमें चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का विधिवत पालन किया गया है। रिजर्व ईवीएम को सुरक्षित व मजबूत कमरों में रखे जाने की प्रक्रिया को लेकर कुछ भ्रम था। लेकिन, रिटर्निंग ऑफिसर ने स्पष्ट रूप से कहा कि उम्मीदवारों को दिशानिर्देशों के बारे में सूचित कर दिया गया था।
3/n DEO Jhansi while responding to queries on mishandling of EVMs stated that strong rooms were sealed in morning by 7-7:30 am inpresence of Observers once all polling parties came back with EVMs. All extant ECI guidelines followed@PIB_India @DDNewsLive @airnewsalerts @ECISVEEP pic.twitter.com/v72gdQdbhz
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) May 21, 2019
सारण, बिहार
राष्ट्रीय जनता दल ने यह दावा किया कि ईवीएम से भरी एक गाड़ी सारण लोकसभा क्षेत्र के स्ट्रांग रूम के पास देखी गई।
अभी-अभी बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्ट्रोंग रूम के आस-पास मँडरा रही EVM से भरी एक गाड़ी जो शायद अंदर घुसने के फ़िराक़ में थी उसे राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। साथ मे सदर BDO भी थे जिनके पास कोई जबाब नही है। सवाल उठना लाजिमी है? छपरा प्रशासन का कैसा खेल?? pic.twitter.com/K1dZCsZNAG
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 20, 2019
सारण जिले के अधिकारियों ने बयान जारी कर यह स्पष्ट किया कि जो ईवीएम चुनाव कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए ले जाई गई थीं उन्हें ही वापस तय स्टोररूम में रखा गया।
Saran Bihar, where Candidate agent has expressed satisfaction over the complete process being transparent and followed by the officials as per the guidelines. @DDNewsLive @airnewsalerts @PIB_India @ECISVEEP pic.twitter.com/8BVJouJaLO
— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) May 21, 2019
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर सभी समाचार और वीडियो जो यह दावा कर रहे हैं कि ईवीएम की अदला-बदली हो रही है या उनके साथ कोई छेड़छाड़ की जा रही है, बिल्कुल झूठे हैं। ये सारे बनावटी कथन प्रतीत हो रहे हैं, खासकर एग्जिट पोल के रुझानों के आने के बाद – यह देश की पूरी चुनाव प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश है।