लोकसभा में आज वर्ष 2018-2019 का आर्थिक समीक्षा जारी की गई। इस आर्थिक समीक्षा में जहां एक ओर समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों तक सभी आम सुविधाओं को पहुंचाने की बात कही गई है तो वहीं 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था का एक रोड मैप भी प्रस्तुत किया गया है। समीक्षा में देश के मौजूदा आर्थिक हालातकी चुनौतियों की बात भी कही गई है और आने वाले दिनों में भी भारत की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान के प्रति विश्वास प्रदर्शित किया गया है। आर्थिक समीक्षा, परंपरागत रूप से हर साल बजट के एक दिन पहले सरकार के काम काज की समीक्षा के रूप में दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत की जाती है। आइए देखते हैं इस आर्थिक समीक्षा की प्रमुख बातें।
भारतीय अर्थव्यवस्था - जीडीपी
- भारत की जीडीपी की अन्य देशों से तुलना – भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था।
- भारत को 2024-25 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए 8 प्रतिशत जीडीपी दर हासिल करनी है।
- 2014 से 2018 की अवधि में जब विश्व में कोई ज्यादा बदलाव नहीं दिखाई दिया, फिर भी भारत ने कई बड़े-बड़े कदम उठाए। भारत चीन से उच्च वृद्धि दर वाली छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
- ‘चालू वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान. 2018-19 में राजकोषीय घाटा 4 प्रतिशत रहने का अनुमान।
भारत में मुद्रास्पफीति
- इन पांच वर्षों में औसत मुद्रास्पफीति की दर उसके पिछले पांच वर्षों की मुद्रास्पफीति की दर के आधी से भी कम है। आजादी के बाद मुद्रा स्फीति की दर सबसे निम्न स्तर पर है।
- फरवरी, 2015 में भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), के बीच एक करार के तहत वित्तीय नीतिगत समिति (एमपीसी) गठित की गई थी। अप्रैल 2015 को एमपीसी के गठन के बाद से अब तक एक महीने को छोड़ मुद्रास्पफीति हमेशा बैंड के भीतर ही रही है।
पंक्ति में अंतिम छोर पर खड़े लोगों तक लाभ
- सरकार ने कई रास्ते खोल कर यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक स्थिरता के लाभ निचले स्तर तक पहुंचे।
- अर्थव्यवस्था में स्थिरता प्राप्त कर सरकार आर्थिक विकास को निचले तबके तक पहुंचाने हेतु मूलभूत सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने पर ध्यान दे रही है।
- वर्तमान में देश की 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या आधार के कवरेज में है।
- बैंक खातों को आधार तथा मोबाइल नम्बरों से जोड़े जाने के बाद 35 करोड़ से अधिक बैंक खातों में एक खरब के करीब राशि जमा हो चुकी है।
- उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे 7 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है।
- आयुष्मान भारत योजना के माध्यम सें 15,000 से ज्यादा अस्पतालों का पैनल बन चुका है, जिनमें 34.6 करोड़ लोग सूचीबद्ध हो चुके हैं और लगभग 26 लाख व्यक्ति चिकित्सा लाभ प्राप्त कर रहे है।
- 2018 में भारत के प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाई जा चुकी थी अब प्रत्येक घर में बिजली पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आर्थिक सुधार
- केन्द्रीय करों के विभाज्य पूल में राज्यों की हिस्सेदारी को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है। राज्यों को स्वतंत्र रूप से अपने राजस्व तथा व्यय का प्रबंधन करने की शक्ति प्रदान की गई।
- दिवालियापन तथा दिवालिया संबंधी मामलों के समाधन के लिए आईबीसी मे एक समय-सीमा निर्धरित है। जिसके तहत चूककर्ता की परिसंपतियों की नीलामी पुनर्भुगतान के लिए की जा सकेगी। आईबीसी क्रेडिट संस्कृति को बदलने में सहायता कर रही है।
- कर प्रशासन में टेक्नोलाजी के प्रयोग के जरिए मानवीय दखल कम कर दिया गया है, जिससे बहुसंख्यक करदाताओं का अनुभव सरकार के पक्ष में रहा है। कर संस्कृति को, कर अपवंचन से करअनुपालन में बदलने के लिए व्यवहार संस्कृति कालाभ लिया जा सकता है।
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